Sunday 28 April, 2013

अनामिका

एसबीआइ कचहरी शाखा, रांची
वो बैंक में मिली थी, मैं लंबी कतार में लगा था, विवेक साथ दे रहा था, भइया कहता है तवज्जो देता है, खुद लाइन में खड़ा होकर मुझे हटने को कहता है, मैं जुगाड़ लगाता हूं, पीछे खड़ी युवती अपनी जगह की जिम्मेदारी थमाते हुए दूसरी लाइन की तरफ चल गयी. वापस आकर बोली- आपका लाइन जल्दी आ जाये तो मेरा भी चलान कटा देना, मैंने हामी भरी विवेक खुश हुआ. वो चली गयी. दूसरे लाइन में खड़ी हो गयी. मैं उसे पीछे गया. बोला - आपका लाइन जल्दी आ जाये तो मेरा चलान कटा देना. वह मुस्कुरायी. नाम पता नहीं. हम अजनबी थे. इस बीच विवेक ने उसका इतिहास कंगालने की कोशिश की. पता चला मारवाड़ी कॉलेज की है. हम दोनों को नेट परीक्षा का चलान भरना था. कचहरी के पास एसबीआइ शाखा गये थे. इस बीच दो लड़की आयी. एक के हाथ में नेट परीक्षा का चलान था. कतार में खड़ी हो गयी. विवेक ने एक को देखा. एक ने विवेक को देखा. मैं दोनों को देखा. कतार लंबी थी. हमारे पास पूरा दिन था. विवेक को बैंक का काफी अनुभव था. कई बार सुबह से शाम तक कतार में ही खड़ा रह चुका था. तीन घंटे लाइन में खड़े रहने के बाद जब विवेक की बारी आती को लंच टाइम हो जाता. लाख गुहार के बाद भी एक मिनट के लिए भी बैंककर्मी नहीं रुकते. पेट पहले था. किसी की मजबूरी बाद में. विवेक के साथ यह वाकया कई बार हुआ है. झल्लाने मन ही मन गरियाने के सिवा कोई चारा नहीं बचता. तो लंच के बाद फिर से लाइन में लग जाता. विवेक की कहानी सुनने के बाद मुझे मारवाड़ी कॉलेज की लड़की का ख्याल आया. वह खिड़की तक पहुंचने वाली थी. मैं उसकेा पास गया. अपना चलान और पैसा उसे थमा दिया. विवेक लाइन में ही खड़ा रखा. विवेक वाली खिड़की में बार बार लिंक फेल हो जाता. विवेक ने मुझे बुलाया और कहा. भइया लिंक फेल होता नहीं है. जमीन दलाल जो काम देते हैं. उसमें कमीशन मिलता है. लिंक फेल का बहाना बना कर जमीन दलाल का काम करते हैं. विवेक की बात में दम था. बैंककर्मी जमीन दलाल का चलान काट रहा था जो उसे लाइन के बीच में ही पकड़ा दिया जाता. वह लिंक फेल बता रहा था, लेकिन बगल वाली खिड़की में काम चल रहा था. तभी दो सहेलियां आयी. इधर-उधर देखी और खिड़की के पास खड़ी हो गयी. लड़की होने का नाजायज फायदा उठाना विवेक को अच्छा नहीं लगा. लड़कियों की फितरत से विवेक वाकिफ था. प्यार से बातें कर अपना काम निकालना लड़कियों का पहला हथियार है और लड़के (बेवकूफ) प्यार भरी मीठी - मीठी बातों में आ जाते हैं. फिर बात समझ में आते ही ठगा-लुटा पाते हैं. तभी विवेक ने कह दिया. बहनजी कपया लाइन से आये. हम भी लाइन में ही हैं. विवेक यूं ही कह दिया था, लेकिन दोनों लड़कियों ने विवेक की बात सुन ली. खीज भरी आवाज में बोली हम सिर्फ पूछ रहे हैं और लाइन के पीछे खड़ी हो गयी. विवेक का बोलना गुनाह हो गया. खैरियत ये रही कि अब तक ऐसा कोई कानून नहीं बना. वरना दोनों लड़कियां पता नहीं क्या - क्या उपनाम लगा कर विवेक को जेल की हवा खिलाती. वैसे भी 15 मिनट तक लड़की को घूरना गैरजमानतीय अपराध है. कानून बनाने वाले लड़कियों के हित में तो कानून बना रहे हैं, लेकिन लड़कों का ख्याल नहीं रख रहे. अब तक के अनुभव में यही देखा है कि लड़कियां ब्रेकअप करती हैं, दूसरे लड़के के हो जाती है वहीं लड़के दाढ़ी बढ़ाकर दारू पीकर छह महीने साल भर या तमाम उम्र गम खाये बैठे रहते हैं. इस खेल में ज्यादा माहिर लड़कियां होती हैं. दोनों लड़कियां आपस में बात की. दूसरी लाइन की तरफ नजर दौड़ायी फिर चली गयी. ... जारी...

Saturday 29 December, 2012

गरीबी, बेरोजगारी और परिवार का बोझ

झारखंड में ह्यूमन ट्रैफिकिंग 

रांची : 27 दिसंबर । मानव तस्कर झारखंड में सबसे ज्यादा सक्रिय हैं. गरीबी, बेरोजगारी और परिवार के बोझ तल झारखंड की लड़कियां आसानी से इस जाल में फंस जाती हैं. हाल में ही दिल्ली से छुड़ाये गये 84 नाबालिग लड़कियों में 29 लड़कियां झारखंड की हैं. सभी को काम दिलाने का लालच देकर दिल्ली ले जाया गया. वहां नौकरों से भी बदतर काम लिया गया. हालिया घटनाओं में एक लड़की तो प्रताड़ित करने का मामला सामने आया था. वह किसी तरह बच कर भागी थी.इससे पहले भी झारखंड की कई लड़कियों को दिल्ली से छुड़ाया जा चुका है.

सक्रिय हैं दलाल, बेच देते हैं लड़कियां

झारखंड के कई पिछड़े जिलों में दलाल सक्रिय हैं. सिमडेगा, गुमला, लातेहार, पलामू, गढ़वा आदि जगहों से लड़कियों को काम दिलाने के बहाने दूसरे राज्यों में ले जाते हैं. वहां उन लड़कियों को बेच देते हैं. यहां कि अधिकतर लड़कियों को दिल्ली में बेच दिया जाता है. वहां उन नाबालिग लड़कियों को घर का नौकर बना दिया जाता है.

बदलनी होगी मानसिकता

झारखंड के कई गांवों से आज भी पलायन जारी है. मनरेगा व अन्य सरकारी योजनाओं के बावजूद झारखंड के युवा पलायन कर रहे हैं.सरकार युवाओं को रोजगार नहीं दे पा रही है, लेकिन कई दावे हैं. वर्ष 2012 बिटिया वर्ष मनाने के बाद वर्ष 2013 युवाओं के कौशल वर्ष के रूप में मनायेगी. जमीनी हकीकत यह है कि झारखंड के युवाओं को उच्च शिक्षा के लिए भी दूसरे राज्यों में पलायन करा पड़ता है.

Thursday 27 December, 2012

प्रेमी की हत्या, बलात्कार के बाद प्रेमिका को मारा

फोटो : साभार गूगल

लोहरदगा जिले में ऑनर किलिंग

  1. 13 दिसंबर को प्रेमिका के मामा ने कोर्ट में शादी कराने  का झांसा देकर बुलाया.
  2. प्रेमी को पीट कर मार डाला, जंगल में फेंका
  3. प्रेमिका से बलात्कार किया, मरा समझ कर फेंक दिया.
रांची : 22 दिसंबर । झारखंड के लोहरदगा जिले में एक प्रेमी युगल ऑनर किलिंग का शिकार हो गया. 25 वर्षीय प्रेमी प्रवीण कुमार साहू लोहरदगा के कुजरा गांव निवासी हेमलाल साहू का पुत्र था. प्रवीण उसी गांव के मोइन अंसारी की बेटी प्रेमिका 18 वर्षीय रेश्मा खातून से प्यार करता था. दोनों 25 अक्टूबर 2012 को अपने घर से शादी के इरादे से भाग निकले. प्रेमिका रेश्मा के मामा रफीक अंसारी ने दोनों को शादी कराने का झांसा देकर 13 दिसंबर को बड़गाई गांव में अपने पास बुलाया. प्रेमिका की बात मान कर प्रवीण और रेश्मा मामा रफीक अंसारी के पास पहुंचे. प्रेमिका के मामा ने दोनों को एक बोलेरो कार में बिठाया और पतरातू की जंगल की ओर चल पड़े. रास्ते में रेश्मा ने मामा से सवाल किया कि हम कहां जा रहे हैं इस पर मामा ने कोई जवाब नहीं दिया. पतरातू जंगल के पिठोरिया घाटी पहुंचते ही एक बाइक पर रेश्मा के पिता मोइन अंसारी एक अन्य युवक को लेकर पहुंचे और बोलेरो रुकवाया. कार रुकते ही बाइक पर आये युवक प्रवीण को पीटते हुए जंगल की ओर ले गया. वहां प्रवीण का हाथ-पांव बांध कर इतना पीटा कि उसकी मौत हो गयी. इसके बाद रेश्मा के पिता मोइन अंसारी और मामा रफीक अंसारी बाइक लेकर वहां से चले गये. इसके बाद बोलेरो चालक रहमत अली और बाइक से पहुंचे अन्य युवक ने रेश्मा को पीटा और उसके साथ बलात्कार किया. पिटाई और बलात्कार के दर्द से रेश्मा बेहोश हो गयी. दोनों ने रेश्मा को मरा हुआ समझ कर पिठोरिया घाटी के पुलकारी नदी के पुल के नीचे फेंक दिया. 14 दिसंबर की सुबह लोगों ने पुल के नीचे रेश्मा को देखा और पतरातू पुलिस को सूचना दी. पतरातू पुलिस रेश्मा को प्रखंड अस्पताल में भर्ती करायी. रेश्मा के दोनों पैर की हड्डी टूट गयी थी. उसके शरीर में कई जगहों पर जख्म के निशान थे. होश में आने के बाद रेश्मा ने इंस्पेक्टर बीएन टुडू को आपबीती बतायी और बयान दर्ज करायी. रेश्मा को बेहतर इलाज के लिए रांची रिम्स भेजा गया. रिम्स पहुंचने से पहले ही रेश्मा ने दम तोड़ दिया. पुलिस ने रेश्मा के मामा रफीक अंसारी को गिरफ्तार किया और पूछताछ की. रफीक की निशानदेही पर पिठोरिया घाटी के जंगल से प्रवीण का शव बरामद किया. ऑनर किलिंग में लोहरदगा जिले के एक प्रेम कहानी का दर्दनाक अंत हो गया.